Samast Prem Vighnaharan Puja
समस्त प्रेम विघ्नहरण पूजाजैसा कि आपको नाम से ही ज्ञात हो रहा है विघ्नहरण यानी विघ्नों को हरने वाला।
शास्त्रों के अनुसार अकेले अग्रिणी देव गणेश समस्त औषधियों और मन की चेतनाओं के स्वामी है, जिनके अधीन चंद्रमा देवता भी दास है। जिसके सानिध्य मात्र से मन भी नयी क्रियाओं ,विषयों एवं नव सृजन की ओर जाने लगता है और मन की गति, स्थिति निर्मल व शुद्धता से पूर्ण हो जाती है।
गणपति गणनायक गणेश का विधि-विधान पूर्वक आराधना, स्तुति व्रत, पूजा और महिमा के प्रसंग से मनुष्य के बौद्धिक प्रखरता, अध्यात्म, उन्नति, आनंद और संजीवनी शक्ति में सहायता होती है। कार्य अनुरूप प्रगति, समस्याओं के अंत, मनोकामना पूर्णता या सिद्धि में, स्वास्थ्य लाभ में, जीवन को सफल बनाने की प्रेरणा में और भगवान के साथ एक पवित्र संबंध का अनुभव कराने में गणेश जी मित्र हैं। गणेश जी को ध्यान में रहकर मनुष्य अपने जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता, और मनचाहा वरदान प्राप्त करता है। धर्म में बिना शंका के गणेश जी को प्रमुखता दिया जाता है। बिना इनके आराधना के कोई भी धार्मिक कार्य पूर्ण नही होता है, बिना गणेश पूजा विधि अधूरी होती है। उनकी पूजा से शुभ कार्यों में सफलता के साथ उन्नति के अवसरों में बाधाएं नहीं आती हैं। इसलिए नवकार्य आरम्भ में गणेश जी उपासना या आराधना होती है। सभी प्रकार के विघ्नों, दारुण दुःख और पारिवारिक संकटों को गणेश जी को संकट हरने और सर्वत्र शुभता और भाग्य में वृद्धि कराने वाले विघ्ननाशक है। बारम्बार विद्या एवं बुद्धि के देव गणेश का ध्यान कर मन से सभी नकारात्मक विचार, दुर्भावना को निष्कासित कर जीवन को सफलता से भावी शीर्ष तक लेकर जा सकते हैं।
प्रेम में आ रही रूकावटो दिक्कतो ,विघ्नों को दूर करने के लिए समस्त विघ्न हरण पूजा है।
इस पूजा के द्वारा प्रेम में आ रही समस्याओं को दूर किया जाता है और प्रेमी के अट्रैक्शन को आपकी तरफ बढ़ाया जाता है। और थर्ड पार्टी को रिमूव किया जाता है।
यह पूजा हमारे वैदिक आचार्य के द्वारा संपन्न कराई जाती है वैदिक ऋचाओं के द्वारा।